कुंडली भाग्य नाटक के आज के एपिसोड में आपको दिखाया जाएगा, शर्लिन की आंखों में आपके लिए बहोत प्यार दिखता है और सच कहूं तो आप लोगों को साथ मे देखकर मुझे बहोत अच्छा लगता है वहीं ऋषभ कहता है मुझे भी अच्छा लगता है और वो सुबह की बातें सोचने लगता है फिर वो कहता है मैं शर्लिन के अंदर एक चेंज देखा है और स्पेशली जब से मैं जेल से बाहर आया हूं, तभी शर्लिन वहां जूस लेकर आती है फिर वो चली जाती है फिर प्रीता ऋषभ से कहती है मैने एक चीज नोटिस किया जब तक शर्लिन यहां थी तब तक आप के गाल एकदम लाल हो गए थे और आप बहोत शर्मा रहे थे वहीं प्रीता कहती है यदि आप किसी से प्यार करते है तो उसे सामने से इजहार कर देना चाहिए और वो ऋषभ पर बहोत ज्यादा प्रेशर बनाती है जिसके बाद ऋषभ मान जाता है फिर वो चला जाता है वहीं प्रीता उसको आल द बेस्ट कहती है और वो भगवान से प्रार्थना करती है कि ऋषभ और शर्लिन के रिश्ते को पक्का कर देना। वहीं ऋषभ सोचता है कि मैंने सोचा भी नहीं था कि मुझे भी कभी प्यार होगा, और जो अभी मैं महसूस कर रहा हूँ उसे ही प्यार कहते है।
वहीं इधर शर्लिन लॉयर से बात कर रही होती है और वो लॉयर से जैसे ही कहती है कुछ भी करो लेकिन पृथ्वी जेल से बाहर आने वाला है तभी वहां ऋषभ आ जाता और वो शर्लिन की बातें सुन लेता है जिसके बाद शर्लिन ऋषभ की परछाई देख जाती और बातें घुमाते हुवे लॉयर से कहती है आपने सही सुना आप कुछ भी करिए लेकिन पृथ्वी को जेल से बाहर मत आने दीजिये मेरी फैमिली मेरे लिए ज्यादा इम्पोर्टेन्ट है और मैं उन्हें खुश देखने के लिए कुछ भी कर सकती हूं कोई भी कीमत चुका सकती हूं फिर बातें घुमाते हुए फोन काट देती है, फिर वो ऋषभ के पास जाती है फिर उससे कहती है क्या हुआ ऋषभ जी जिसके बाद वो कहता है कि मुझे यहां नही होना चाहिए क्योंकि तुमने अभी अभी फ़ोन पर कहा कि पृथ्वी को जेल से निकालो पर तुमने जैसे ही मेरी परछाई देखी तुमने बात पलट दी जिसके बाद शर्लिन शॉक हो जाती है और वो ऋषभ को छूने की कोशिश करती है फिर वो कहता है हाथ मत लगाना क्योकि तुम्हे लगता है मैं बेवकूफ हूं लेकिन अब बस वहीं सर्लिन रोते हुवे कहती है ऋषभ जी मैं आपके हाथ जोड़ती हु आप मुझपर क्यों शक कर रहे हो आपने गलत सुना हां मैने आपकी परछाई देखी पर मैने अपनी बात नहीं पलटी वो कहती है मुझपर विश्वाश करिए मैने ऐसा कुछ नही कहा, फिर ऋषभ कहता है हां मैंने गलत सुना और हर बार मैं ही गलत सुनता हूं फिर वो वहां से चला जाता है। वहीं शर्लिन सोचती है मैंने फिर से इससे झूठ बोला और इसने फिर से मेरी बात मान ली ये आदमी बेवकूफ का बेवफुफ ही रहेगा। वहीं दूसरी तरफ ऋषभ सोचता है कि तुम मुझे जितना बेवकूफ समझ लो शर्लीन लेकिन मैंने जो सुना वो गलत नही था और मैने तुम्हारे सामने इसलिए झूट बोला ताकि मैं तुम्हे अगली बार रंगे हांथो पकड़ लूं, पृथ्वी का पर्दा फास तो हो गया अब बारी तुम्हारी है और तुम्हारा सच मैं सबके सामने लेकर आऊंगा।